Friday, 10 November 2017

Sad story

बार बार आईना पोंछा मगर,
हर तसवीर धुंधली थी..!
न जाने आईने पर औस थी या,
हमारी आँखें गीली थीं..!

एक गफ़लत सी बनी रहने दो हर रिश्ते में
किसी को इतना न जानो कि जुद़ा हो जाये

मंजिल की तलाश में तूफान मिल जाते हैं
रास्तों में ख्वाबों के शमशान मिल जाते हैं
उस वक्त भीग जाती हैं आँखें अश्कों से,
जब कभी भी यादों के निशान मिल जाते हैं

Bewafa yaaro se mohhbat kar baithe
Shayad yuhi hm shayar ban baithe

No comments:

Post a Comment